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आवाज़ निचोड़ लो हर बूंद रक्त की, भले ही मेरे जिस्म से तुम, रक्षक हूँ मैं इस धरा का, कतरा-कतरा कहेगा तुमसे, शांत जरुर है समंदर से, ...